शिथिल कर्मठता, पतन का कारण

 हो आसुरी शक्ति संगठित रचती नित कुचक्र यहाँ।

   मार्तंड को ग्रास बनाने का होता प्रयास सदा।।

घोर निशा तम का साम्राज्य ही इनको तो फैलाना है।

अगर शिथिल हो गई कर्मठता लूट धरा को खाना है।।

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