वृक्षों के शुभ अशुभ प्रभाव

    हमारे जीवन में पेड़, पौधों, वृक्षों और वनस्पतियों का बहुत बड़ा महत्व है। यह वनस्पतियां मनुष्य के जन्म से लेकर के मृत्यु पर्यंत किसी ना किसी रूप में हमारी सहचर और सहयोगी होती हैं।        


  यह वनस्पतियां हमारे जीवन में एक तरह से प्रत्यक्ष देवता के रूप में सहायक होती हैं। तो वहीं कुछ वनस्पतियां हमारे लिए हानिकारक भी। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि ऐसी कौन सी वनस्पतियां, वृक्ष और पौधे हैं जिनको लगाने से आपके मनवांछित कामनाओं की पूर्ति होगी और किसे लगाने से आपका नुकसान।

 भविष्यपुराण में आता हैं कि-

   अशोक का वृक्ष लगाने से कभी शोक नहीं होता।

 इसी तरह से प्लक्ष यानि (पाकड़) वृक्ष के रोपण से उत्तम स्त्री की प्राप्ति होती है साथ ही ज्ञानरुपी फल की प्राप्ति भी। 

बिल्ववृक्ष लगाने से दीर्घ आयुष्य की प्राप्ति होती है | 

जामुन का वृक्ष धन प्रदान करता है। तो वहीं तेंदू के वृक्ष से कुलवृद्धि | 

दाडिम यानि (अनार) का वृक्ष स्त्री-सुख प्राप्त कराता है | बकुल के वृक्ष से पाप का नाश होता है। तो यंजुल यानि के (तिनिश) से बल और बुद्धि | 

धातकी यानि के (धव) का वृक्ष स्वर्ग प्रदान करता हैं | तो वटवृक्ष मोक्ष को।

आम्रवृक्ष के रोपड़ से अभीष्ट कामनो की पूर्ति होती है ।तो गुवाक यानि के (सुपारी) के वृक्ष से सिद्धि की प्राप्ति |

वल्वल, मधूक (महुआ) तथा अर्जुन-वृक्ष सब प्रकार का अन्न प्रदान करता है | 

कदम्ब-वृक्ष से विपुल लक्ष्मी की प्रप्ति होती है | 

तिन्तिडी यानी के (इमली) का वृक्ष धर्मदूषक माना गया है | शमी-वृक्ष रोग का नाश करता है | तो केशर से शत्रुओं का विनाश | 

श्वेत वट धनप्रदाता है।

पनस यानि (कटहल) का वृक्ष मंद बुद्धिकारक | 

मर्कटी यानि के (केंवाच) और कदम-वृक्ष के लगाने से संतति का क्षय होता है |तो वहीं शीशम, अर्जुन, जयंती, करवीर, बेल तथा पलाश- वृक्षों के आरोपण से स्वर्ग की प्राप्ति होती है | 

विधिपूर्वक वृक्ष का रोपण करने से स्वर्ग-सुख प्राप्त होता है और रोपणकर्ता के तीन जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं |

इस तरह से वृक्षों के रोपड़ से आप अपने अभीष्ट कामनाओं की पूर्ति भी कर सकते हैं और पर्यावरण संतुलन में महत्वपूर्ण योगदान भी।

इसलिए प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में अधिक से अधिक वृक्षों का रोपण करना चाहिए।

     क्योंकि जब तक इस पृथ्वी पर वृक्ष है तभी तक मनुष्य का अस्तित्व भी संभव है। वृक्षों के अभाव में मनुष्य के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।










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